मारवाड़ी विकाश ट्रस्ट
मेरा   जन्म.... मेरी   जुबानी
मेरे नौमासिक गर्भ काल के दरम्यान मेरे जन्मदाता (श्री बाबूलाल अग्रवाल अध्यक्ष, श्री अनिल मुकिम सचिव एवम श्री बिनोद पसारी कोषाध्यक्ष ) ने कोयलांचल की नगरी धनबाद जिला के एक सौ सोलह स्थानो की ठोकरे खाने के उपरांत परमपिता परमेश्वर की हार्दिक अनुकम्पा एवम आशीर्वाद के फलस्वरूप मेरा जन्म दिनांक 21-02-2019 को धनबाद की पवित्र धरती पर मारवाड़ी परिवार प्रांगन मे शुभ अभिजीत मुहुर्त समय 11-30 दिन मे 51 सदस्यो के अथक प्रयास से धनबाद के रजिस्ट्रार के समक्ष हुआ है जिसके लिए मै पुरे धनबादवासी ही नही बल्कि भारतवासी के प्रति आभार प्रकट करता हूॅ। मेरा जन्म समाज के सभी ब्यक्तियो को समानता का आभास महसूस कराते हुए जीवन के विभिन्न क्षेत्र मे विकास की एक नयी ऊंचाई का बिगुल बजाने के ख्याल से मेरे नामकरण की प्रक्रिया के समय मेरे नाम के साथ एक पर्यायवाची शब्द "विकास " का ईस्तेमाल करते हुए "मारवाड़ी विकास ट्रस्ट " पर मुहर लगा दिया गया।
मेरा बचपन मे लालन पालन करने के लिए सभी ईकयावन सदस्य दिन रात एक करने मे जुट गये , फलस्वरूप मेरी कुन्डली को गहराई से अध्ययन करके आयकर विभाग ने मेरे को जीवन मे आर्थिक मदद देकर आगे बढाने वाले सदस्यो को आयकर मे छूट देने का एलान कर दिया और साथ ही साथ मेरे द्वारा की गयी आय को आयकर से मुक्त कर दिया गया। इस समाचार को सुनते ही | इस समाचार को सुनते ही मेरे चाहने वालो की संख्या लगातार बढ़ती गयी एवम आज हमारे परिवार मे लगभग 525 सदस्य हो चुके है। शास्त्रो के अनुसार मनुष्य जीवन सुख दुख का सागर है जिसे सहज ग्रहण करने से सारी बाधाएँ कट जाती है एवम सुख का एहसास होने लगता है । हर सुखी जीवन मे बाधाएँ अपना प्रमुख स्थान जरुर रखती है जिसका मुख्य उदाहरण भगवान राम एवम सीता है ।उसी प्रकार मेरे प्रथम वर्षीय सुखी जीवन के जन्म दिन के शुभ उपलक्ष मे वैश्विक महामारी के रूप मे कोरोना ने दस्तक दी और मेरा द्वितीय वर्ष द्वितीय विश्व युद्ध के समानांतर हो गया , मेरे ऊपर ध्यान देने की बजाय मेरे परिवारिक सदस्यो ने अपने आप को एवम अपनो को महामारी से बचाने के अथक प्रयास मे जुट गये । मेरे जन्म के प्रथम वर्ष मे प्राप्त अस्सी लाख की आर्थिक राशि की खिचातानि मे मेरा जी घुटने लगा, मेरे जन्म दाता मुझे त्यागने पर गम्भीरतापूर्वक विचार करने लगे, लेकिन प्रभु की अनुकम्पा ने जब मुझे आपके परिवार मे एक अदभूत सामाजिक कार्य करने हेतु भेजा है उसे अधर मे छोडकर मै कैसे जा सकता था ?
मेरे तृतीय वर्ष की परवरिश के समय कोरोना की द्वितीय लहर ने अपना वीभत्स रूप दिखाया एवम कितने ही मासूम को अपने काल का ग्रास बनाया ,इतना ही नही मेरे परिवार के दो सदस्यो को मुझे गवाना पङा और मै मुक दर्शक होकर इश्वर की इस लीला को देखता रहा । जन्मदाताओ के आंसुओ की धार ने मेरे धैर्य एवम विश्वास को समाज के हित मे और भी मजबूत कर दिया ।समाज की समानता के हित मे कार्य करते हुए दोनो सदस्यो को सलाम करते मेरे लिए एक सुन्दर भवन की परिकल्पनाओ को सजाने वालो को ढाढस बंढाने के अलावा मेरे पास कुछ नही था। "भगवान के सामने देर है अंधेर नही " इस तथ्य को चरितार्थ करते हुए फिर एकबार मेरे परिवारिक सदस्यो ने आंखो के आंसू बहाए और कमर कस ली। सदस्यो के आंसुओ की भाव भगवान किस तरह देते है उसका जीता जागता उदाहरण श्री रीतेश शर्मा का सचिव अनिल मुकीम के दफ्तर पहुचना एवम अध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल के समक्ष एक सौ तेइस डिसमिल जमीन का प्रस्ताव देना।
जैसे यह महसूस हुआ कि मेरा जन्म समाज हित मे सार्थक होता दिख रहा है। सचिव महोदय ने खुशी के छन्न को समेटने के ख्याल से कई सदस्यो को जानकारी दी और दुसरे ही दिन प्रातः रीतेश जी के दफ्तर अध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल सहित अनिल मुकीम, योगेन्द्र तुलस्यान, चेतन प्रकाश गोयनका,सज्जन खरकिया, डी एन चौधरी, बिनोद पसारी, विजय अग्रवाल के समक्ष इतने बडे कार्य पर मुहर लगी । समाज हित मे मेरे सपने को पूर्ण करने हेतु सभी ने एक दुसरे को आश्वासन दिया और लग गये इस महाकुंभ के महायज्ञ मे । मेरे परिवार का आकार धीरे धीरे बट वृक्ष के रूप धारण की और बढता गया । समाज के हर एक सदस्य प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से आज मेरे परिवार के सदस्य है और उनकी प्रेरणा मेरे लिए समाज हित मे हमेशा सार्थक है एवम होगी। सुन्दरतम वैवाहिक भवन की परिकल्पना जिसमे एक सौ कमरे, दस हजार फीट का बैकवैट हाल, अलौकिक मन्दिर, दस हजार फीट का लान, भोजनालय, स्वीमिंग पुल, हेल्थ सेंटर, रूफ टोप गार्डेन,दो सौ कार पार्किंग इत्यादि के लिए मेरे नाम एवम परिवारिक सदस्यो के नाम पर एक सौ पैंतीस डिसमिल जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गयी ।
यहाँ तक कि एकबार नक्सा भी बन चुका है।समाज हित मे प्रस्तावित जमीन पर सुन्दरतम वैवाहिक भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम दिनांक 16-04-22 मे आप सभी परिवारजनों की उपस्थिती एवम सहयोग से मेरा मन प्रफुल्लित हुआ और समाज मे एक नयी दिशा एवम सोच लाने का प्रयास किया गया , समाज के सभी लोग इस परिकल्पना से अवश्य ही लाभ उठा पायेंगे। भूमि पूजन पर उपस्थित हुए हमारे परिवार एवम समाज के 1100 सदस्यो को देखकर मै प्रफुल्लित हो गया एवम मेरी परिकल्पनाओ पर भरोसा करते हुए आज मेरे परिवार मे 525 संस्थापक सदस्य एवम आजीवन सदस्य हो गये। मेरे परिवार के मुखिया ने मेरे नाम को कम्पनी कानून के अन्तर्गत सीएसआर मे भी रजिस्टर्ड करवा दिया, यहां तक की मेरे नाम को पूरे भारत मे कोई उपयोग न कर पाये इसके लिए ट्रेड मार्क एवम पेटेंट कानून के अंतर्गत भी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर दिया।मेरी प्रकल्प को तेज गति से आगे बढाने के लिए विभिन्न उपसमिति के माध्यम से कार्य की गति को तीव्रता दी जा रही है।विभिन्न उपसमिति जैसे रिजॉर्ट निर्माण, सदस्यता अभियान, मेडीकल, शिक्षा, नारी सम्मान, फेसटीभ, मनोरंजन, प्रतिभा सम्मान, पब्लिकेशन इत्यादि बनाकर काम आगे बढाया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है मेरी प्रकल्प की नीव दीपावली मिलन समारोह के उपरांत गौपाषटमी के शुभ दिन से करने का विचार है। हमारे देश की आजादी के पचहत्तर साल पुरे होने की खुशी मे मेरे परिवार वालो ने पचहत्तर प्रोग्राम करने का मन बनाया है एवम उसी क्रम मे अग्रसेन जयन्ती के शुभ अवसर पर पचहत्तर वर्ष के आयु वाले पचहत्तर महिला एवम पुरूष को विशेष अमृत सम्मान की योजना है। हमारा परिवार इसी तरह हर दिन एक नयी ऊंचाई प्राप्त करे यही मेरी शुभकामनाए है।